8th Pay Commission: सैलरी में ₹33,480 का सीधा इजाफा, फॉर्मूला जानें वरना छूट न जाए मौका

Published On: July 17, 2025
8th Pay Commission

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। 2025 की शुरुआत में ही केंद्र ने 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी दी, जिसकी सिफारिशें 2026 से लागू हो सकती हैं। देशभर के लगभग एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से इस बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं।

हर दस साल में वेतन आयोग द्वारा सरकारी वेतन की समीक्षा करके बदलाव लाए जाते हैं, जिससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को महंगाई व आर्थिक विकास के अनुरूप रखा जा सके। इस बार की सबसे बड़ी चर्चा न्यूनतम बेसिक सैलरी में जोरदार इजाफे को लेकर है। जब 7वें वेतन आयोग लागू हुआ था, तब न्यूनतम वेतन 7,000 से बढ़ाकर सीधे 18,000 रुपये किया गया था।

अब ताजा रिपोर्ट्स और चर्चाओं के अनुसार 8वें वेतन आयोग के तहत यही न्यूनतम सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये तक जा सकती है। इस ऐतिहासिक बढ़ोतरी से खासकर निचले स्तर के कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी आय में तत्काल बड़ा बदलाव महसूस होगा।

8th Pay Commission: Latest Details

8वां वेतन आयोग मुख्य रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और रिटायरमेंट लाभों में सुधार के लिए बनाया गया है। लगभग 44 लाख सरकारी कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स, यानी कुल 1.12 करोड़ लोग, इसके ज़रिए लाभान्वित होंगे। आयोग का मुख्य कार्य मौजूदा वेतन ढांचे का पुनरावलोकन कर उसमें सुधार की सिफारिशें देना है ताकि कर्मचारी महंगाई और बदलती वित्तीय जरूरतों के मुताबिक अपनी क्रयशक्ति बनाए रख सकें।

आयोग के लिए सबसे महत्वपूर्ण टूल फिटमेंट फैक्टर है। यह मूल वेतन में वृद्धि के लिए इस्तेमाल होने वाला एक गणितीय गुणा है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, यानी पुराने बेसिक वेतन को 2.57 से गुणा करके नया वेतन तय हुआ था। इस बार चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक हो सकता है, जिससे वेतन और अधिक बढ़ेगा। अगर यह लागू होता है, तो न सिर्फ बेसिक सैलरी 51,480 रुपये तक जाएगी, बल्कि पेंशन में भी भारी बढ़ोतरी देखी जाएगी।

2025 के अंत तक आयोग अपनी सिफारिशें सरकार के पास भेज सकता है, और फिर इन्हें औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद 1 जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। हालांकि, कुछ प्रशासनिक कारणों से टाइमलाइन में थोड़ा बदलाव भी हो सकता है, लेकिन सरकार ने मौटे तौर पर इसी अवधि में इसे शुरू करने का संकेत दिया है।

वेतन वृद्धि और पेंशन का गणित

8वें वेतन आयोग में अनुमान है कि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन 30-34% तक बढ़ सकती है। यह बढ़ोतरी 2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग (जिसमें औसत 14% थी) से कहीं अधिक है। अनुमान है कि इसके लागू होने पर सरकार पर 1.3 से 1.8 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ सकता है। साथ ही, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को शून्य करके फिर से उसकी गणना की जाएगी, जिससे नई बेसिक सैलरी के लिहाज से फायदा मिलेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कर्मचारियों की खरीदने की ताकत में इजाफा होगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। साथ ही, पेंशनधारकों के लिए भी अच्छी खबर है, क्योंकि पेंशन भी कई गुना तक बढ़ सकती है। इस बार एक नई पहल के तहत, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) भी अप्रैल 2025 से लागू हो सकती है, जिसमें पुरानी पेंशन स्कीम और NPS का मिला-जुला स्वरूप होगा।

किन्हें मिलेगा लाभ?

  • मुख्य रूप से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी
  • विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी
  • सेवानिवृत्त कर्मचारी (पेंशनर्स)
  • रक्षा, रेलवे, डाक विभाग, मंत्रालय आदि के कर्मचारी

इस बढ़ोतरी से खासकर निचले ग्रेड के कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति तुरंत मजबूत होगी, वहीं उच्च स्तर पर भी वेतन में बड़ा अंतर दिखाई देगा।

सरकार की तैयारियां और आगे का रास्ता

फिलहाल आयोग की औपचारिक रचना और उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को सरकार ने अंतिम रूप देना बाकी है, जिसके बाद इसकी प्रक्रिया रफ्तार पकड़ेगी। इसके बाद आयोग अपनी रिपोर्ट सौंपेगा और संसद अथवा कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ही इसकी सिफारिशें जमीन पर उतरेंगी।

निष्कर्ष

8वें वेतन आयोग का लागू होना केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ा मौका साबित होने जा रहा है। इससे न सिर्फ न्यूनतम सैलरी में बड़ा इजाफा होगा, बल्कि कर्मचारियों-पेंशनर्स की आर्थिक सेहत भी बेहतर होगी। अगर सरकार ने सुझाए फिटमेंट फैक्टर को मान लिया, तो लाखों कर्मचारियों की जिंदगी में बड़ा सकारात्मक बदलाव दिखना तय है।

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