महंगाई की मुश्किलों के बीच लोगों को राहत पहुंचाने वाली एक अच्छी खबर आई है। हाल ही में एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में जबरदस्त कटौती की गई है। यह घटौती खासतौर पर उन होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, और छोटे कारोबारियों के लिए है, जो रोजाना भारी मात्रा में गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं। एलपीजी के ताजा रेट्स जारी होने के बाद यह देखना जरूरी हो जाता है कि आपके शहर में अब गैस सिलेंडर कितने रुपये में मिलेगा और इसका सीधा असर आपकी जेब पर कितना पड़ेगा।
पिछले कई महीनों में एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ने से आम लोगों समेत कारोबारियों की चिंता बढ़ गई थी। अब जुलाई 2025 से कमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में कटौती कर दी गई है, जिससे छोटे कारोबारियों को राहत मिलेगी। हालांकि घरेलू रसोई गैस (14.2 किलो) की कीमत फिलहाल जस की तस है, लेकिन विशेषज्ञ मान रहे हैं कि आने वाले समय में घरेलू गैस में भी राहत मिल सकती है।
LPG Cylinder Prices
1 जुलाई 2025 से देश भर में इंडियन ऑयल सहित सभी प्रमुख तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर (19 किलो) की कीमतों में तकरीबन 58.50 से 60 रुपये तक की कटौती की है। अब दिल्ली में यह सिलेंडर पहले के 1723.50 रुपये के मुकाबले केवल 1665 रुपये में मिल रहा है। यानी एक झटके में 58.50 रुपये की राहत मिली है। मुंबई में सिलेंडर अब 1616 रुपये का हो गया है, पहले इसकी कीमत 1674.50 रुपये थी। इसी प्रकार कोलकाता में अब यह 1826 रुपये से घटकर 1769 रुपये और चेन्नई में 1881 रुपये से घटकर 1823.50 रुपये का मिल रहा है।
पिछले दो महीनों को देखें तो जून में भी 24 रुपये की कटौती की गई थी। कुल मिलाकर अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर में करीब 120 रुपये तक की कटौती दर्ज की गई है। इस कटौती से खासतौर पर होटलों, रेस्टोरेंट्स, सड़क किनारे खाने-पीने के ठेलों और अन्य छोटे-छोटे व्यवसायों को बहुत फायदा मिलेगा। उनका खर्च काबू में आएगा, जिससे वे अपने ग्राहकों को भी अच्छी कीमत पर खाना मुहैया करा पाएंगे।
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह कटौती सिर्फ कमर्शियल सिलेंडर पर लागू है। घरेलू गैस सिलेंडर के रेट अभी जस के तस हैं और इस महीने इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 किलो) आम घरों की रसोई का हिस्सा है और उसकी ताजा कीमतों में भारत के प्रमुख शहरों – दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई – में कोई फर्क नहीं आया है।
कौन सी सरकारी योजना में क्या मिल रहा है?
सरकार गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं को राहत देने के लिए समय-समय पर कई योजनाएं चलाती है। इन योजनाओं में सबसे प्रमुख है उज्ज्वला योजना, जिसके तहत पात्र परिवारों को सब्सिडी के साथ कम कीमत में घरेलू गैस सिलेंडर मुहैया करवाया जाता है। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सिलेंडर पर करीब 300 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे उनके रसोई खर्च में काफी कमी आती है। देश में करीब 10 करोड़ परिवार उज्ज्वला योजना से जुड़े हैं।
इस कटौती का सीधा फायदा उज्ज्वला योजना के लाभार्थी घरेलू सिलेंडर के दाम न घटने के बावजूद नहीं उठा सकते, क्योंकि यह कटौती फिलहाल सिर्फ कमर्शियल सिलेंडर पर है। लेकिन आने वाले समय में अगर वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें और गिरती हैं तो घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में भी कमी संभव है। इसके अलावा राज्य सरकारें अपनी ओर से भी कुछ राज्यों में अलग-अलग राहत योजनाएं चला रही हैं, जैसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में।
सिलेंडर की कीमत कैसे तय होती है?
गैस सिलेंडर की कीमत हर महीने के पहले दिन तय होती है। पेट्रोलियम कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के रेट, रुपये-डॉलर की विनिमय दर, टैक्सेशन आदि को ध्यान में रखकर नई दरें जारी करती हैं। इसी वजह से हर महीने सिलेंडर के दाम में कभी बढ़ोतरी तो कभी कटौती नजर आती है। कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में बदलाव का सीधा असर देश के लाखों छोटे-बड़े दुकानदारों, होटल्स, रेस्टोरेंट्स आदि पर पड़ता है।
अपने शहर में जानें सिलेंडर के ताजा रेट
1 जुलाई 2025 से लागू नए रेट्स के अनुसार,
- दिल्ली: 19 किलो कमर्शियल सिलेंडर 1665 रुपये
- मुंबई: 1616 रुपये
- कोलकाता: 1769 रुपये
- चेन्नई: 1823.50 रुपये
छोटे शहरों और राज्यों में इन दरों में टैक्स और डिलिवरी चार्जेज के मुताबिक कुछ फर्क हो सकता है, इसलिए आपके शहर में यदि उपरोक्त कीमत से मामूली ज्यादा या कम रेट मिल रहा है, तो वह स्थानीय लेवी और परिवहन खर्च के कारण हो सकता है।
निष्कर्ष
कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में इस जबरदस्त कटौती के बाद होटल-रेस्टोरेंट और छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए हालांकि राहत का इंतजार बाकी है, लेकिन लगातार घटते कच्चे तेल के भाव के बाद उम्मीद जग रही है कि आगे चलकर घरेलू सिलेंडर के रेट में भी कटौती हो सकती है। सरकार और कंपनियां हर महीने रिव्यू कर रहीं हैं, ऐसे में उपभोक्ताओं की राहत आगे भी मिलती रहेगी।