भारतीय रेलवे ने हाल ही में अपनी टिकट बुकिंग प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगा। यह बदलाव खासतौर से उन यात्रियों के लिए है, जो नियमित रूप से ऑनलाइन या तत्काल टिकट बुक करते हैं। रेलवे का दावा है कि नया नियम यात्रियों की सुरक्षा को बेहतर बनाएगा और टिकट बुकिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाएगा।
पिछले कई वर्षों में रेलवे टिकट बुकिंग में बार-बार फर्जी अकाउंट, पहचान की गलत जानकारी और टिकटों की कालाबाजारी की शिकायतें बढ़ती जा रही थीं। इसी वजह से रेलवे द्वारा आधार वेरीफिकेशन को अनिवार्य किया गया है। नए नियम का उद्देश्य हर पैसेंजर की पहचान की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना व फर्जी बुकिंग पर रोक लगाना है। इससे आपातकालीन या तत्काल टिकट जरूरतमंद लोगों तक समय पर पहुंच सकेंगी, और एजेंट्स के दुरुपयोग की संभावना कम होगी।
1 अगस्त 2025 से रेलवे टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव: बिना Aadhaar नहीं मिलेगा टिकट?
अब 1 अगस्त 2025 से भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग, खासकर Tatkal (तत्काल) टिकट, सामान्य बुकिंग या किसी भी टिकट को बुक करने की प्रक्रिया के लिए “आधार आधारित ओटीपी वेरीफिकेशन” अनिवार्य हो गया है। इसका मतलब है कि जब भी आप IRCTC की वेबसाइट या ऐप से टिकट बुक करेंगे, तो आपको अपना आधार नंबर दर्ज करके उससे जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करना होगा। ओटीपी वेरीफाई किए बिना टिकट की बुकिंग पूरी नहीं होगी।
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि यह सिस्टम फर्जी अकाउंट, एजेंटों की कालाबाजारी और गलत पहचान से टिकट बुकिंग को रोकने के लिए लागू किया गया है। IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना सभी यात्रियों के लिए जरूरी होगा, चाहे वे Tatkal टिकट लें, सामान्य टिकट लें या इमरजेंसी कोटे की सुविधा का लाभ लेना हो।
1 जुलाई 2025 से यह प्रक्रिया सभी तत्काल बुकिंग, पीआरएस काउंटर और एजेंट आधारित बुकिंग के लिए लागू है। अब 15 जुलाई 2025 से हर टिकट बुकिंग के लिए आधार बेस्ड ओटीपी वेरिफिकेशन की सुविधा जोड़ दी गई है, जिससे हर बुकिंग को रियल टाइम ट्रैक किया जा सकेगा।
सरकार किस योजना के अंतर्गत यह बदलाव लाई है?
यह बड़ा बदलाव रेलवे की मॉडर्न रिजर्वेशन एंड ट्रैकिंग पॉलिसी के तहत लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य है—
- टिकट दलाली रोकना,
- यात्रियों की डेटा सुरक्षा,
- तत्काल, इमरजेंसी या सामान्य टिकट बुकिंग के लिए सही पहचान जरूरी बनाना,
- टेक्नोलॉजी का उपयोग कर पारदर्शिता और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना।
अब एक आधार नंबर से सीमित संख्या में ही टिकट बुक की जा सकती है, ताकि ब्लैक मार्केटिंग रोकी जा सके और टिकट वास्तविक यात्रियों को मिलें।
नई व्यवस्था का यात्रियों पर प्रभाव
आधार वेरीफिकेशन की वजह से अब फर्जी टिकट बुकिंग की शिकायतें कम होंगी। यात्रियों की व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहेगी, क्योंकि आधार वेरिफिकेशन के बाद ही टिकट बुकिंग होगी और सारी गतिविधियां रेलवे के पास ट्रैक में रहेंगी।
रेलवे ने रिजर्वेशन चार्ट और बुकिंग टाइमिंग में भी बदलाव किए हैं। अब बुकिंग के आठ घंटे पहले ही रिजर्वेशन चार्ट तैयार हो जाएगा, जिससे वेटिंग या कन्फर्म टिकट का स्टेटस जानना आसान हो जाएगा। किराया व्यवस्था में भी अपडेट किया गया है: कुछ रूट पर टिकट किराए में मामूली वृद्धि की गई है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होगी।
टिकट बुकिंग का नया तरीका: कैसे करें आधार ओटीपी वेरीफिकेशन?
- सबसे पहले IRCTC वेबसाइट या ऐप खोलें।
- प्रोफाइल सेक्शन में जाकर आधार नंबर दर्ज करें और लिंक करें।
- आपके आधार से जुड़े मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा।
- उस ओटीपी को अनिवार्य रूप से वेरीफाई करें।
- वेरीफिकेशन के बाद ही टिकट बुकिंग प्रक्रिया पूरी होगी।
यदि आधार लिंक नहीं है, तो पहले उसे अपडेट करना जरूरी है, वरना टिकट नहीं बुक हो पाएगा।
आम यात्रियों और टिकट एजेंट्स के लिए बड़ा बदलाव
पहले 10 से 30 मिनट तक रेल एजेंट टिकट नहीं बुक कर पाएंगे, यानी प्राथमिकता आम लोगों को मिलेगी। टिकट बुकिंग ज़्यादा पारदर्शी और न्यायसंगत होगी। इमरजेंसी कोटे की टिकट के लिए भी नई प्रक्रिया लागू है: अब इमरजेंसी यात्रा के लिए कम-से-कम एक दिन पहले आवेदन करना होगा, जिससे असली जरूरतमंदों की मदद हो सके।
निष्कर्ष
1 अगस्त 2025 से रेलवे टिकट बुकिंग में आधार कार्ड आधारित ओटीपी वेरीफिकेशन जरूरी हो गया है। इससे टिकट बुकिंग प्रणाली ज्यादा पारदर्शी, सुरक्षित और फास्ट होगी। यात्री पहले से अपने आधार को IRCTC अकाउंट से लिंक करके रखें, ताकि यात्रा में कोई बाधा न आये और रेलवे सेवा का पूरा लाभ उठाएं।