UP Outsourcing Salary News: ₹25000 पक्का, इतना बड़ा आदेश पहले कभी नहीं

Published On: August 2, 2025
Up outsourcing employees

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में करोड़ों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी विभागों में काम कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को न्यूनतम ₹25,000 तक वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यह नीति विशेषकर उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आई है जो कई सालों से कम तनख्वाह पर असुरक्षित भविष्य के साथ काम कर रहे थे।

सरकार के इस निर्णय से न केवल उनकी आय में बढोतरी होगी बल्कि अब उन्हें अपनी सेवाओं व अधिकारों को लेकर भी आश्वस्ति मिलेगी। इस फैसले से कर्मचारियों को सैलरी समय पर मिलने, सामाजिक सुरक्षा और मूलभूत लाभों के हक की गारंटी मिलेगी। इससे राज्य में काम करने वाले आउटसोर्सिंग स्टाफ का मनोबल बढ़ेगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।

UP Outsourcing Salary News

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई यह नई नीति 2025 से प्रभावी होगी। इसके अनुसार, किसी भी विभाग – चाहे वह सरकारी हो या संबद्ध, वहां नियुक्त आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को अब न्यूनतम ₹18,000 से लेकर ₹25,000 तक मासिक वेतन दिया जाएगा। यह वेतन कर्मचारी के अनुभव, योग्यता व कार्यक्षमता के हिसाब से तय होगा।

फैसले के तहत अब सैलरी की सीधी ट्रांसफरिंग बैंक खाते में होगी जिससे बीच में ठेकेदार द्वारा की जाने वाली कटौती व भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी कर्मचारी को अब ₹16,000 से कम मासिक वेतन नहीं मिल सकता। महिलाओं को आरक्षण समेत कई अन्य हितलाभ भी मिलेंगे।

सरकार ने माना है कि ‘Equal Pay for Equal Work’ के सिद्धांत का पालन होना चाहिए। यानी अगर किसी कर्मचारी के पास समान जिम्मेदारी व कार्य है तो उसे रेगुलर या आउटसोर्स होने से फर्क नहीं पड़ेगा, सभी को समान वेतन, अवकाश और अन्य लाभ मिलेंगे।

नीति के अन्य लाभ

केवल सैलरी में ही बढ़ोतरी नहीं है, इस योजना के तहत अन्य कई सामाजिक सुरक्षा और सुविधाएं भी दी जाएंगी। कर्मचारियों को साल में 15 दिन अवकाश, स्वास्थ्य बीमा में ₹5 लाख तक का कवरेज, पेंशन (बेसिक सैलरी का 8% योगदान), पीएफ, ग्रैच्युटी, और ओवरटाइम का लाभ मिलेगा।

साथ ही, यदि कोई कर्मचारी निर्धारित काम के समय से अधिक घंटे कार्य करता है तो उसे 1.5 गुना वेतन मिलेगा। इससे आर्थिक रूप से कर्मचारियों को बड़ी सुरक्षा मिलेगी और उनका भविष्य अधिक स्थिर रहेगा।

स्थायी नियुक्ति और सुरक्षा

इस नीति के तहत लगातार 3-5 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थायी पॉलिसी के तहत नियमित नियुक्ति का भी अवसर मिलेगा। इससे उनमें नौकरी की सुरक्षा का विश्वास जन्मेगा। इसके अलावा, उन्हें बैंक से लोन एवं क्रेडिट की सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध होंगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए ‘आउटसोर्स सर्विसेज कॉरपोरेशन’ नामक संस्था गठित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिससे समस्त आउटसोर्सिंग स्टाफ का प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन पारदर्शितापूर्वक हो सके।

आवेदन प्रक्रिया

आउटसोर्स कर्मचारियों को इस नीति का लाभ प्राप्त करने हेतु संबंधित विभाग या अपनी एजेंसी (आउटसोर्सिंग एजेंसी) से आवेदन का तरीका एवं दस्तावेज़ पूरक जानकारी लेनी होगी। विभाग द्वारा कर्मचारियों का डाटा तैयार कर निगम या सरकारी पोर्टल पर भेजा जाएगा, जहां उनकी पात्रता और मासिक तनख्वाह तय की जाएगी।

नियमित समीक्षा और भविष्य

सरकार का आदेश है कि इस पूरी प्रक्रिया की समय-समय पर समीक्षा होगी, ताकि कोई भी कर्मचारी अपने अधिकार से वंचित न रहे। नीति का लाभ सरकारी क्षेत्र के अलावा प्राइवेट कंपनियों में आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत कर्मचारियों को भी मिलेगा।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार की यह नई नीति लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए राहत एवं सम्मान का नया दौर लाएगी। अब उन्हें न सिर्फ पर्याप्त वेतन बल्कि नौकरी की स्थिरता, सुरक्षा और अनेक सामाजिक हितलाभ भी मिलेंगे। इससे न केवल कर्मचारी बल्कि उनके परिवार की भी आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी और उनका भविष्य अधिक सुरक्षित बनेगा।

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