सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी का समय आ गया है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर काफी समय से चर्चाएँ हो रही थीं और अब सरकार ने इसके गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ा दी है। देश के लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 65-68 लाख पेंशनधारी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
2016 में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, जिसकी सिफारिशें 2025 तक मान्य थीं। इसके बाद 8वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, पेंशन और भत्तों में अच्छा-खासा इजाफा देखने को मिल सकता है। इस नए आयोग को लागू करने की जिम्मेदारी सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के पास है।
इसका उद्देश्य सिर्फ वेतन में बढ़ोत्तरी करना ही नहीं, बल्कि भत्तों, पेंशन और कर्मचारी कल्याण से जुड़े कई मुद्दों को सुधारना भी है। सरकार कर्मचारियों के आर्थिक और सामाजिक हालात को ध्यान में रखते हुए हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनाती है।
8th Pay Commission: Full Information
8वां वेतन आयोग एक सरकारी तंत्र है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन ढांचे, भत्तों और पेंशन सुधार की सिफारिश करता है। इसका गठन 16 जनवरी 2025 को सरकार द्वारा किया गया। उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएंगी। आयोग का मुख्य मकसद कर्मचारियों की जमीनी जरूरतें, महंगाई व बदलती आर्थिक परिस्थिति को समझते हुए वेतन और भत्तों में सुधार करना है।
आयोग में शामिल होने वाले सभी लाभार्थी केंद्र सरकार के कर्मचारी, विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के अधिकारी, रक्षा और अर्धसैनिक बलों के जवान एवं सेवा-निवृत्त कर्मी होंगे। आयोग के लिए कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली, न्यूनतम वेतन में वृद्धि, बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता, जोख़िम-भत्ता, मेडिकल सुविधा सहित कई मांगें सरकार के पास पहुंचाई हैं।
क्या है मुख्य बदलाव?
8वें वेतन आयोग के तहत वेतन बढ़ोतरी का मुख्य आधार ‘फिटमेंट फैक्टर’ को बताया जा रहा है। पिछली बार यानी 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे करीब 23.5% की बढ़ोतरी हुई थी। अब 8वें वेतन आयोग के लिए यह फिटमेंट फैक्टर 2.28 से लेकर 2.86 के बीच रहने की संभावना है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में 30% से 40% या उससे ज्यादा तक का इजाफा हो सकता है।
अगर उदाहरण से समझें—अभी यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो नए फिटमेंट फैक्टर के अनुसार यह बढ़कर 30,000 रुपये या उससे अधिक हो सकती है। वहीं, जिनका बेसिक वेतन 20,000 रुपये है, उनकी सैलरी बढ़कर 46,600 रुपये से 57,200 रुपये तक जा सकती है। इसी के अनुसार पेंशनर्स को भी लाभ मिलने की पूरी संभावना है—मिनिमम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,000 रुपये तक पहुंच सकती है।
इसके अलावा, सभी भत्तों जैसे Dearness Allowance (DA), House Rent Allowance (HRA), Travel Allowance (TA) आदि को भी नए वेतन ढांचे के हिसाब से री-कैल्क्युलेट किया जाएगा।
लागू होने की तारीख और असर
सरकार की ओर से फिलहाल आयोग की सभी सिफारिशों को अंतिम रूप देने पर विचार चल रहा है। उम्मीद है कि इसकी अंतिम रिपोर्ट दिसंबर 2025 तक आ सकती है और 1 जनवरी 2026 से कर्मचारियों को नए वेतनमान का लाभ मिलना शुरू हो सकता है। सरकार का अनुमान है कि इससे उसके खर्च में भी लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हो सकती है।
नया वेतन ढांचा लागू होते ही, देशभर के केंद्रीय कार्यालयों, मंत्रालयों, रेलवे, रक्षा, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मचारियों को प्रत्यक्ष फायदा होगा। साथ ही, पेंशनधारकों के लिए भी पेंशन बढ़ने का रास्ता खुलेगा, जिससे लाखों परिवारों को राहत मिलेगी।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
- कैशलेस मेडिकल इलाज की सुविधा।
- बच्चों की पढ़ाई, हॉस्टल खर्च व शिक्षा निधि।
- जोखिम भत्ता तथा इमरजेंसी सुरक्षा।
- प्रमोशन व MACP (Modified Assured Career Progression) में बदलाव।
सरकार इन सभी सुझावों और चुनौतियों पर विचार कर रही है ताकि कर्मचारियों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फायदेमंद साबित होने जा रहा है। वेतन और पेंशन में 30% से 40% तक की बढ़ोतरी का अनुमान है, जिसे 2026 की शुरुआत में लागू किया जा सकता है। इससे सरकारी कर्मचारियों के जीवनस्तर में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा और उन्हें महंगाई के असर से राहत मिलेगी।