Old Pension Scheme: 30 साल की नौकरी के बाद मिलेगी 50% पेंशन – जानिए नया नियम अभी

Published On: August 2, 2025
Old Pension Scheme

भारत में पेंशन योजनाओं को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी, खासकर सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए। हाल ही में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक नई पहल की है, जिससे उनके रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा काफी मजबूत होगी। इस नई व्यवस्था के तहत पुराने पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme/OPS) जैसे फायदों के साथ-साथ कुछ नए लाभ भी जोड़े गए हैं, जिससे लाखों कर्मचारियों को राहत मिल सकती है।

पुरानी पेंशन योजना को साल 2004 से बंद करके नई राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू की गई थी। इससे पहले, सरकारी कर्मचारियों को उनकी अंतिम वेतन का 50% आजीवन पेंशन के रूप में मिलती थी, जिसे महंगाई के हिसाब से बढ़ाया भी जाता था। अब एक बार फिर सरकार ने पेंशन की गारंटी और सुविधाओं को बेहतर करने के लिए ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) की शुरुआत की है, जिससे OPS जैसी तय पेंशन की भावना जारी रहेगी।

What is the Old Pension Scheme (OPS)?

पुरानी पेंशन योजना केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, जिसमें सेवा अवधि के अंत में कर्मचारी को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था। इस पेंशन में समय-समय पर महंगाई भत्ता (DA) भी जोड़ा जाता था, जिससे कर्मचारियों की खरीद क्षमता बनी रहती थी। इस स्कीम में कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी और सरकार पूरी जिम्मेदारी लेती थी।

नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) 2025 से लागू हुई है, जिसमें राष्ट्रीय पेंशन योजना की लचीलापन और गारंटी दोनों को मिलाया गया है। अब वे कर्मचारी, जो 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए हैं और NPS के तहत कवर थे, उन्हें भी UPS का विकल्प दिया गया है। UPS के तहत, कम से कम 25 साल की सेवा के बाद कर्मचारी को उसकी अंतिम साल की औसत बेसिक सैलरी का 50% गारंटीड पेंशन मिलेगी। 10 से 25 साल सेवावधि वाले कर्मचारियों को ‘प्रो-रेटा’ आधार पर पेंशन मिलेगी, यानी सेवा के हिसाब से तय रकम।

सरकार UPS में कर्मचारी के वेतन और डिअरनेस अलाउंस (DA) का 14% योगदान देती है, जबकि कर्मचारी 10% कंट्रीब्यूट करते हैं। विशेष स्थिति में, सरकार द्वारा अतिरिक्त 8.5% का योगदान भी जोड़ा गया है, जिससे कुल सरकार की हिस्सेदारी 18.5% हो जाती है। इस गारंटी के कारण कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक फिक्स्ड रकम पर भरोसा कर सकते हैं।

50% पेंशन की गारंटी: नया नियम क्या है?

सबसे बड़ा तोहफा यह है कि UPS लागू होने से कर्मचारी को न्यूनतम 50% पेंशन की गारंटी मिलती है, जो हर महीने उनके अंतिम साल की औसत बेसिक सैलरी के आधार पर तय होगी। इसके साथ ही, जिन कर्मचारियों ने 10 साल से कम नहीं, लेकिन 25 साल से कम सेवा दी है, उन्हें काम के हिसाब से प्रो-रेटा पेंशन मिलेगी। इस स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन 10,000 रुपए महीना तय की गई है।

अगर रिटायर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को दी जाने वाली फैमिली पेंशन OPS के मुताबिक चली जाएगी—यानि अंतिम पेंशन का 60%—जो परिवार के भविष्य के लिए बड़ा संबल है। पेंशन राशि में भी महंगाई राहत (Dearness Relief) समय-समय पर जोड़ी जाती है, जिससे रिटायर्ड कर्मचारियों की खरीद क्षमता बरकरार रहे।

कौन कर सकता है आवेदन और कैसे?

UPS में वही कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं जो केंद्रीय सरकार में 1 अप्रैल 2025 से पहले NPS में शामिल थे या फिर 1 अप्रैल 2025 के बाद नियुक्त हुए हैं। रिटायर हो चुके NPS कर्मचारी भी शर्तों के आधार पर UPS ले सकते हैं। आवेदन के लिए सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म (A1, A2) भर कर विभाग में जमा करना होता है। अगर कर्मचारी सेवा के दौरान मरणोपरांत या विकलांगता के चलते सेवा से हटाए जाते हैं, तो उनके परिवार या खुद को पुरानी पेंशन योजना के भी लाभ मिल सकते हैं।

OPS बनाम NPS की तुलना

पुरानी पेंशन योजना (OPS) पूरी तरह सरकार द्वारा वित्तपोषित व निश्चित पेंशन देने वाली थी, जबकि NPS मार्किट लिंक्ड होने के कारण पेंशन की रकम निश्चित नहीं थी। UPS में दोनों का संतुलन बैठाने की कोशिश की गई है—यह NPS जैसी लचीलापन देती है, लेकिन तय न्यूनतम पेंशन भी सुनिश्चित करती है।

निष्कर्ष

यूनिफाइड पेंशन स्कीम की शुरुआत सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि इससे उनकी रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी। 50% पेंशन की गारंटी, परिवार को सपोर्ट, और न्यूनतम पेंशन जैसे प्रावधान इस स्कीम को बेहद उपयोगी बनाते हैं। निश्चित पेंशन से कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य और भी सुरक्षित हो गया है।

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