Gratuity Calculation: खुद पता करें रिटायरमेंट के बाद कितना पैसा मिलेगा।

Published On: July 26, 2025
Gratuity-calculation-formula

किसी भी नौकरी में काम करने वाले व्यक्ति के लिए भविष्य की चिंता होना आम बात है। रिटायरमेंट के बाद स्थिर आमदनी और सेविंग्स की ज़रूरत पड़ती है, ताकि भविष्य में कोई आर्थिक परेशानी न हो। ऐसे समय में ग्रेच्युटी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यह कर्मचारी को कंपनी में उनकी सेवा के बदले में दी जाने वाली एक बड़ी आर्थिक मदद होती है। भारत में कई लोग ग्रेच्युटी के बारे में जानते भी हैं, लेकिन यह कैसे मिलती है और इसका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है, यह हर किसी को मालूम नहीं होता।

ग्रेच्युटी एक तरह की धनराशि है, जो किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट, नौकरी से इस्तीफे या मृत्यु पर दी जाती है। अधिकांश प्राइवेट कंपनियां और सरकारी संस्थाएं अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देती हैं, बशर्ते कर्मचारी ने संस्था में कम से कम 5 साल की सेवा पूरी की हो। यह रकम कर्मचारी की आखिरी तनख्वाह के आधार पर तय होती है। ग्रेच्युटी कानून के तहत कई प्रावधान और नियम तय किए गए हैं, जिससे कर्मचारियों को अपना अधिकार जानना आसान हो गया है।

ग्रेच्युटी क्या है और किन्हें मिलती है?

ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत, भारत में काम करने वाले स्थायी कर्मचारी जिन्हें 5 साल या उससे अधिक का कार्यकाल पूरा होता है, उन्हें ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है। अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो उसके परिजनों को भी ग्रेच्युटी मिल सकती है। यह रकम कंपनी या संस्था खुद देती है; यह न तो पेंशन है न ही प्रोविडेंट फंड, बल्कि इसके अलावा एक अलग आर्थिक सहायता है। यह योजना निजी कंपनियों और सरकारी विभाग दोनों पर लागू होती है, बशर्ते वहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी हों।

अगर आप प्राइवेट कंपनी, सरकारी विभाग, बैंक या फिर किसी अन्य संस्थान में काम करते हैं और वहां 5 साल से ज्यादा का समय दे चुके हैं, ग्रेच्युटी के लिए पात्र हैं। ध्यान रहे, पार्ट-टाइम या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वालों को आम तौर पर ग्रेच्युटी नहीं मिलती। सिर्फ परमानेंट कर्मचारियों को ही ये लाभ मिलता है।

ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है?

ग्रेच्युटी की राशि निकालने का एक निर्धारित फॉर्मूला है। आम तौर पर इसे इस तरह से गिना जाता है:

ग्रेच्युटी = (अंतिम ड्रॉ की गई बेसिक सैलरी + डिअरनेस अलाउंस) x 15 x काम के साल / 26

इसमें 15 मानता है एक साल के लिए मिलने वाली सैलरी के 15 दिन, और 26 माने गए महीने के वर्किंग डेज़। उदाहरण के लिए अगर आपकी बेसिक सैलरी 30,000 रुपए है और आपने 10 साल काम किया है, तो वक्त की ग्रेच्युटी होती है:

ग्रेच्युटी = (30,000 x 15 x 10) / 26 = 1,73,077 रुपए

सरकार ने ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा तय की है। वर्तमान में यह 20 लाख रुपए है। इसका मतलब है कि किसी भी कर्मचारी को उसकी पूरी सेवा अवधि का कैलकुलेशन करके अधिकतम 20 लाख रुपए से ज्यादा ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा, चाहे उसकी सैलरी इससे ज्यादा भी हो। यह भी ध्यान देने की बात है कि अगर कार्यमुक्ति किसी तरह के अनुशासनहीनता या धोखाधड़ी के चलते होती है, तो कंपनी ग्रेच्युटी काट या रोक सकती है।

ग्रेच्युटी पर टैक्स नियम

सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी राशि पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। वहीं, प्राइवेट सेक्टर में, अधिकतम 20 लाख रुपए तक की राशि टैक्स फ्री है। इस सीमा से अधिक राशि पर कर्मचारियों को टैक्स देना पड़ सकता है।

अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाए, तब मिलने वाली ग्रेच्युटी पूरी तरह टैक्स फ्री रहेगी। इस स्थिति में उसके नॉमिनी या परिवार वालों को ग्रेच्युटी दी जाती है।

ग्रेच्युटी क्लेम कैसे करें?

रिटायरमेंट या सर्विस छो़ड़ने के बाद कर्मचारी को ग्रेच्युटी क्लेम करने के लिए अपने संस्थान में निर्धारित फॉर्म जमा करना होता है, जिसमें कर्मचारियों की सेवा और वेतन संबंधी जानकारी मांगी जाती है। कंपनी 30 दिन के भीतर ग्रेच्युटी की राशि जमा करती है। यदि कर्मचारी समय पर क्लेम नहीं करता है, तो कंपनी से जुड़ी ग्रेच्युटी अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है।

किसे नहीं मिलती ग्रेच्युटी?

ऐसे कर्मचारी जिन्होंने 5 साल से कम सेवा दी, पार्ट-टाइम या कॉन्ट्रैक्ट वाले, और जो संस्था में अनुशासनहीनता के कारण निकाले गए, उन्हें ग्रेच्युटी नहीं मिलती। 

निष्कर्ष

ग्रेच्युटी हर नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए जरूरी आर्थिक सुरक्षा है, जो रिटायरमेंट के समय नई शुरुआत का सहारा बनती है। इसका सही कैलकुलेशन जानना और समय पर क्लेम करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इस जानकारी को अपने साथियों के साथ भी साझा करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने इस अधिकार की जानकारी रखें।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

Related Posts

Leave a comment

Join Whatsapp