भारतीय रेलवे हर दिन करोड़ों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाता है। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए रेलवे समय-समय पर अपने नियमों को अपडेट करता रहता है। इसी क्रम में अप्रैल 2025 से एक अहम बदलाव किया गया है, जिसमें अब अगर कोई यात्री ट्रेन में अपनी टिकट वाली लिमिट से ज्यादा सामान लेकर सफर करता पाया गया तो उसे भारी चार्ज यानी अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। ये नया नियम खासतौर पर उन लोगों के लिए जरूरी है जो अक्सर अपने साथ बहुत ज्यादा लगेज लेकर ट्रेन में यात्रा करते हैं।
रेलवे का ये नियम पहले भी मौजूद था, लेकिन अब इस पर सख्ती से अमल शुरू हो गया है। दरअसल, कई बार ज्यादा सामान के कारण कोच में जगह कम पड़ जाती है, जिससे अन्य यात्रियों को असुविधा होती है और सुरक्षा से जुड़े मसले भी आते हैं। रेलवे ने फैसला किया है कि हर श्रेणी के टिकट के हिसाब से एक फ्री सामान सीमा तय होगी, और अगर यात्री इस सीमा से ज्यादा सामान ले जाते हैं तो भारी पेनल्टी देनी पड़ेगी।
Indian Railway का नया नियम – किसे कितना सामान ले जाने की छूट
रेलवे ने अपने नए नियम में हर क्लास के लिए मुफ्त सामान ले जाने की सीमा निर्धारित की है। उदाहरण के तौर पर, फर्स्ट एसी के यात्रियों को 70 किलो तक, एसी टू टियर वालों को 50 किलो, स्लीपर और एसी थ्री टियर में 40 किलो, और सेकंड सिटिंग/जनरल डिब्बे में 35 किलो तक सामान फ्री में ले जाने की अनुमति है। मतलब, आप अपने कोच और टिकट के हिसाब से इतनी मात्रा में सामान बिना किसी अतिरिक्त खर्च के साथ ले जा सकते हैं।
अगर किसी वजह से आपको तय लिमिट से ज्यादा सामान लेकर जाना है, तो रेलवे आपको सलाह देता है कि पहले ही पार्सल ऑफिस से आगे के लिए सामान बुक करवा लें। अगर आपने ऐसा नहीं किया और लिमिट से ज्यादा वजन लेकर ट्रेन में चढ़ गए, तो रेलवे आपके सामान पर डेढ़ गुना से लेकर छह गुना तक जुर्माना लगा सकता है। सामान का जुर्माना उस सामान की मात्रा और दूरी के हिसाब से तय होता है।
नया नियम मुख्य रूप से रेलवे की ‘लगेज पॉलिसी’ (Luggage Policy) के तहत लागू किया गया है, जो यात्रियों और रेलवे—दोनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। सामान की बुकिंग न करवाने या बिना मंजूरी ज्यादा वजन ले जाने पर, पेनल्टी के साथ आपका सामान रास्ते में उतार भी दिया जा सकता है। एक-दो किलो एक्स्ट्रा होने पर भी पेनल्टी नीति सख्ती से लागू होगी।
कौन-सा सामान बैन है और किन बातों का रखें ध्यान
रेलवे के नए नियम के तहत सिर्फ तय सीमा तक का सामान ही नहीं, उसके आकार पर भी ध्यान देना अनिवार्य है। आमतौर पर 100 सेंटीमीटर X 60 सेंटीमीटर X 25 सेंटीमीटर से बड़े ट्रंक, बक्से, सूटकेस को यात्री डिब्बों में ले जाना मना है। अगर आपका सामान इससे बड़ा है तो उसे भारी सामान मानते हैं, जिसे सिर्फ लगेज वैन के माध्यम से ही भेजा जा सकता है। रेलवे ने खतरनाक, ज्वलनशील या गैरकानूनी सामग्री जैसे पेट्रोल, गैस सिलेंडर, पटाखे वगैरह ट्रेन में ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया है और इसे ले जाते पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नए नियम में, जिन प्रमुख 60 रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है, वहां अब प्लेटफॉर्म पर सिर्फ उन्हीं यात्रियों को जाने दिया जाएगा जिनके पास कन्फर्म टिकट होगी। इसका मकसद भीड़-भाड़ को कम करना और सुरक्षा को बढ़ाना है।
ज्यादा सामान लेने पर कितना चार्ज देना होगा?
अगर आप अपने फ्री लिमिट से ज्यादा सामान लेकर यात्रा करते हैं तो आपको दो तरीके के शुल्क लग सकते हैं। अगर आपने पहले से सामान बुकिंग नहीं कराई है, तो आम तौर पर तय रेट का डेढ़ गुना या छह गुना तक पेनल्टी देना होगा। उदाहरण के लिए, अगर नॉर्मल चार्ज 10रु./किलो है तो आपको 15रु./किलो या उससे ज्यादा देना पड़ सकता है। कुल चार्ज सामान के वजन, दूरी और बुकिंग स्थिति पर निर्भर करता है।
कैसे बच सकते हैं इस चार्ज से?
इस भारी चार्ज और झंझट से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप सफर से पहले अपना सामान जरूर तौल लें और यदि जरूरत हो तो पार्सल/लगेज वैन में अपना एक्स्ट्रा सामान बुक करवा लें। पार्सल ऑफिस में बुकिंग करवाने से आपको पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी, और आपकी यात्रा भी आरामदायक रहेगी।
निष्कर्ष
नए नियम के बाद भारतीय रेलवे में यात्रा करते वक्त पास में कितना सामान है, इसकी पूरी जानकारी रखना जरूरी है। सही लिमिट के भीतर सामान रखना न सिर्फ आपके पैसे बचाएगा, बल्कि सफर आसान और सुरक्षित बनाएगा। यात्रा में परेशान होने से बेहतर है कि आप नए नियम को समझें और उसकी पालना करते हुए सफर का आनंद लें।