भारत के किसान देश की रीढ़ हैं, लेकिन खेती के लिए जरूरी आधुनिक मशीनें खरीदना कई बार महंगा और मुश्किल साबित होता है। इससे खेती में समय और मेहनत ज़्यादा लगती है, जिससे उत्पादकता कम हो जाती है। खेती को आसान, सस्ती और ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
इसमें सबसे लोकप्रिय योजना है कृषि यंत्र सब्सिडी योजना (Krishi Yantra Subsidy Yojana), जिसके तहत किसानों को खेती के यंत्र खरीदने पर सरकार की ओर से बड़ी सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र सस्ती दरों पर उपलब्ध कराना, उनकी आय बढ़ाना और उत्पादन को बढ़ावा देना है। इसके जरिए छोटे, सीमांत, महिला वर्ग और पिछड़े वर्ग के किसानों को प्राथमिकता मिलती है।
इस आलेख में हम इस योजना के बारे में पूरी जानकारी देंगे—कौन-से यंत्रों पर कितनी सब्सिडी मिलती है, कौन-कौन किसान पात्र हैं, आवेदन कैसे करें और किन दस्तावेजों की ज़रूरत है।
Krishi Yantra Subsidy Yojana: Full Details
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को आधुनिक खेती के यंत्र जैसे ट्रैक्टर, पावर टिलर, सीड ड्रिल, रोटावेटर, रीपर, थ्रेशर, स्प्रेयर आदि खरीदने पर 40% से 80% तक की सब्सिडी देती है। कई राज्यों में विशेष श्रेणी (जैसे महिला, SC/ST, सीमांत किसान) के लिए सब्सिडी का प्रतिशत अधिक है—इनके लिए यह 50% या कभी-कभी 80% तक जाती है।
इससे किसानों को आधुनिक मशीनरी अपनाने में मदद मिलती है, जिससे खेती जल्दी और कम मेहनत में होती है। यह योजना देश के अधिकांश राज्यों में लागू है और राज्यवार मशीन व सब्सिडी की दर में थोड़ा फर्क होता है। सामान्यतः जिन किसान परिवारों की जोत छोटी है, उन्हें मुख्य प्राथमिकता मिलती है।
योजना का लाभ फसल कटाई, बुवाई, जुताई, निराई, छिड़काव, आदि से जुड़े लगभग सभी प्रमुख कृषि यंत्रों पर मिलता है। अगर आप पहले किसी एक ही यंत्र पर सब्सिडी ले चुके हैं तो उसी मशीन के लिए तीन साल के अंदर दुबारा सब्सिडी नहीं मिलेगी। वहीं, एक किसान एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम तीन तरह के यंत्रों के लिए सब्सिडी का लाभ उठा सकता है।
योजना के मुख्य लाभ
- किसानों को उनके हिस्से की लागत का केवल 20% से 60% पैसा ही अपने पास से देना होता है, बाकी सरकार देती है।
- उच्च श्रेणी के कुछ यंत्रों (जैसे Custom Hiring Center वाले उपकरण) पर सब्सिडी 80% तक जा सकती है।
- महिलाओं, SC/ST, OBC एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाती है और उनके लिए सब्सिडी दर अधिक होती है।
- सरकारी पोर्टल या CSC/e-Mitra सेंटर के माध्यम से आसान ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है।
- यह योजना नई कृषि तकनीक को अपनाने में मदद करती है जिससे उत्पादन लागत घटती है और उत्पादकता बढ़ती है।
पात्रता और जरूरी कागजात
- लाभार्थी केवल भारतीय नागरिक और जमीन के मालिक या खेती करने वाले किसान होने चाहिए।
- जिन किसानों के नाम पर ट्रैक्टर रजिस्टर्ड हो, वे ट्रैक्टर से चलने वाले यंत्रों के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
- सरकारी नियम के मुताबिक महिला, SC/ST, सीमांत किसान, ओबीसी, आदि की प्राथमिकता है।
- लाभ पाने के लिए किसान के पास निम्नलिखित दस्तावेज़ होना अनिवार्य हैः
- आधार कार्ड
- भूमि के दस्तावेज़ (खसरा/खतौनी)
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पहचान पत्र (पैन/मतदाता आईडी)
- मोबाइल नंबर
आवेदन प्रक्रिया
- संबंधित राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट या कृषि यंत्र सब्सिडी पोर्टल पर जाएं।
- मांगी गई व्यक्तिगत जानकारियाँ और यंत्र संबंधी विवरण भरें।
- जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें।
- निर्धारित रजिस्ट्रेशन शुल्क (मशीन के हिसाब से – 1500 रुपए से शुरू) या धरोहर राशि जमा करें।
- आवेदन जमा करें, इसके बाद टोकन/रसीद मिलेगी। लॉटरी या चयन प्रक्रिया के बाद आपको चयन की सूचना दी जाएगी।
- चयनित किसान सरकारी रजिस्टर्ड डीलर से अनुमोदित मशीन खरीदें और सब्सिडी का भुगतान सीधे बैंक खाते में मिलेगा।
कुछ राज्यों में चयन लॉटरी प्रणाली से होता है, अगर चयन न हो तो जमा राशि वापस मिल जाती है।
किन-किन यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी?
- ट्रेक्टर
- पावर टिलर
- सीड ड्रिल
- रोटावेटर
- मल्टीक्रॉप थ्रेशर
- रीपर/कंबाइन
- फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र
- स्प्रिंकलर/स्प्रेयर आदि
निष्कर्ष
कृषि यंत्र सब्सिडी योजना ने किसानों के लिए आधुनिक कृषि की राह खोल दी है। अब छोटे और सीमांत किसान भी कम लागत में बेहतरीन मशीनें खरीदकर अपनी खेती को लाभकारी बना सकते हैं। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो जल्दी आवेदन करें और अपनी खेती को नया आयाम दें।