Retirement Age Update: 30 साल की नौकरी अब बढ़कर 35 साल – जानें किसे होगा फायदा

Published On: July 26, 2025
Retirement Age Update

सरकार के रिटायरमेंट नियमों में हाल ही में आए बदलाव को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। नौकरी करने वाले लाखों लोगों की नजरें हमेशा इस बात पर रहती हैं कि सरकार उनके भविष्य को लेकर कौन सा फैसला लेने जा रही है। खासकर सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों में रिटायरमेंट उम्र को लेकर कई सवाल और चिंताएं हमेशा बनी रहती हैं।

भारत में पारंपरिक तौर पर सरकारी नौकरियों की रिटायरमेंट उम्र 60 वर्ष रही है। इससे एक ओर युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलते थे, तो दूसरी ओर वृद्ध कर्मचारियों को पेंशन, ग्रेच्युटी और तमाम सरकारी सुविधाएं मिलती थीं। मगर जैसे-जैसे देश में जीवन प्रत्याशा और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होती गईं, रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की मांग भी बढ़ती रही।

New Retirement Age: New Details

सरकार ने एक अहम फैसला लिया है जिसमें कुछ सरकारी और खास विभागों में कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई गई है। पहले जहां अधिकांश केंद्र और राज्य विभागों में कर्मचारी 60 वर्ष पर रिटायर होते थे, अब कई प्रमुख विभागों—जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, अनुसंधान, तकनीकी और रक्षा—में यह सीमा 62 से 65 वर्ष तक बढ़ाई गई है।

इसका मकसद अनुभवी कर्मचारियों का ज्ञान और कौशल लंबे समय तक संस्थान के लिए बरकरार रखना है। इन विभागों में डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर, वैज्ञानिक जैसे पदों पर पहले भी उम्र सीमा ज्यादा थी, अब सामान्य प्रशासनिक और तकनीकी स्टाफ को भी राहत मिलेगी।

इसके तहत कर्मचारियों को जब तक वे सेवा में रहेंगे, पूरी तनख्वाह, भत्ते, मेडिकल, एलटीसी, बीमा जैसी सभी सरकारी सुविधाएं मिलती रहेंगी। रिटायरमेंट के वक्त उनकी अंतिम सैलरी के आधार पर पेंशन, ग्रेच्युटी आदि को कैलकुलेट किया जाएगा।

किन कर्मचारियों और विभागों पर लागू होगा नया नियम

  • केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रेलवे, पीएसयू, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, स्वास्थ्य, शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी विभागों पर यह बदलाव लागू होगा।
  • यह बदलाव एक साथ सभी पर लागू नहीं होगा। पहले फेज में कुछ विभागों में लागू करके अनुभव देखा जाएगा, उसके बाद अगली विभागों में विस्तार किया जाएगा।
  • प्रमोशन, तबादले और अन्य विभागीय नियम भी यथावत रहेंगे।
  • लगभग 1-2 वर्षों में रिटायर होने जा रहे लाखों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा क्योंकि वे अपनी नौकरी को 2 से 5 साल तक और जारी रख सकते हैं।

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य और कारण

भारत में चिकित्सीय सुविधाएं बेहतर हुई हैं, जिससे जीवन प्रत्याशा (Average Life Expectancy) भी बढ़ी है। वरिष्ठ कर्मचारियों के अनुभव का सदुपयोग करके संस्थागत कार्यक्षमता को बरकरार रखना आसान हो सकेगा।

इसके अलावा, सरकार पर सामाजिक सुरक्षा की वित्तीय जिम्मेदारी भी लंबे समय तक टल सकेगी, क्योंकि कर्मचारी देर से रिटायर होंगे तो पेंशन और अन्य लाभ का बोझ भी पोस्टपोन होगा। साथ ही, युवा पीढ़ी को वरिष्ठों से मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे भविष्य की पीढ़ी और भी कुशल हो सकेगी।

निजी क्षेत्र में भी ऐसी चर्चाएं हुई हैं कि कुछ कंपनियां अनुभवी कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद भी सलाहकार या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी रूप में बनाए रखना चाहती हैं।

नई रिटायरमेंट उम्र के हिसाब से संभावित बदलाव

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्टों में यह भी दावा किया गया था कि पूरे देश के सभी सरकारी कर्मचारियों की उम्र सीमा 62 या 65 वर्ष कर दी गई है, लेकिन केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि फिलहाल 60 वर्ष की सीमा यथावत रहेगी, हालांकि कई राज्यों व विभागों में अलग-अलग स्तर पर विस्तार की प्रक्रिया जारी है।

सरकार का कहना है कि प्रत्येक मंत्रालय और विभाग अपनी जरूरत के मुताबिक अधिसूचना जारी कर रहा है।

आवेदन प्रक्रिया

अगर आप ऐसे विभाग में कार्यरत हैं जिसमें रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई गई है, तो –

  • विभाग से नोटिस/आधिकारिक सर्कुलर का इंतज़ार करें।
  • एचआर/ह्यूमन रिसोर्सेस डिपार्टमेंट से संपर्क करें और अपना रिटायरमेंट अपडेट कराएं।
  • सभी जरूरी दस्तावेज—जैसे उम्र प्रमाण पत्र, सेवा रिकॉर्ड, मेडिकल फिटनेस आदि—संपन्न करवाएं।

हर विभाग की प्रक्रिया थोड़ी अलग हो सकती है, इसलिए अपनी संस्था के नियम ज़रूर देखें।

निष्कर्ष

सरकार का यह निर्णय देश के लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ा राहतकारी साबित होगा। इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि वे अपनी विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ देश और समाज को अधिक समय तक दे सकेंगे। हालांकि हर जगह यह नियम तुरंत लागू नहीं होगा, धीरे-धीरे विभागवार इसे अमल में लाया जा रहा है। भविष्य में भी इस दिशा में और बदलाव आने की पूरी संभावना है।

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