Petrol Diesel Prices: ₹100 से नीचे आया पेट्रोल, 3 साल में पहली बार – जानें अपने ज़िले का नया रेट

Published On: July 30, 2025
Petrol Diesel Prices

पेट्रोल और डीजल की कीमतें सीधे तौर पर देश के आम जनजीवन और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डालती हैं। भारत में हर रोज पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव होता रहता है, जो अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत, विदेशी विनिमय दर, तथा सरकार द्वारा लगाए गए करों पर निर्भर करता है। इस लेख में हम जानेंगे कि पेट्रोल और डीजल के दाम में हाल ही में कैसे कमी आई है, इसके पीछे कौन-कौन से कारण हैं, और सरकार कौन से उपाय कर रही है ताकि इनकी कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।

पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी ऊंची हो गई थीं, जिससे आम आदमी की जेब पर भारी प्रभाव पड़ा था। सरकार और तेल कंपनियां लगातार तेल की कीमतों को स्थिर करने और जरूरत आने पर टैक्स में कटौती करके उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास करती आ रही हैं। हाल के दिनों में देश के कई शहरों में पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी देखने को मिली है, जिससे लोगों को थोड़ा सुकून मिला है।

आइए जानते हैं अपने शहर की ताजा दरें और इस पीछे की योजना का विस्तार।

Petrol Diesel Prices – Full Details

देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोजाना सुबह 6 बजे तेल कंपनियां अपडेट करती हैं। ये कीमतें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत, रुपये-दौलर विनिमय दर, तथा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए अप्रत्यक्ष करों जैसे एक्साइज ड्यूटी और वैट पर निर्भर करती हैं। हाल में कच्चे तेल के दामों में गिरावट के कारण और सरकार की कुछ नीतिगत पहल के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आई है।

हालांकि कीमतें शहर-दर-शहर अलग-अलग होती हैं, भारत के बड़े शहरों में पेट्रोल की कीमत करीब 94 से 107 रुपये प्रति लीटर के बीच है, और डीजल की कीमत लगभग 87 से 96 रुपये प्रति लीटर के करीब है। उदाहरण के लिए, नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत लगभग ₹94.72 और डीजल ₹87.62 प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल ₹104.21 और डीजल ₹92.15 प्रति लीटर के आस-पास मिल रहे हैं। कुछ अन्य प्रमुख शहरों जैसे कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें इसी रेंज में हैं।

सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करती है। उदाहरण के तौर पर, नवंबर 2021 और मई 2022 में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी कम की थी, जिससे आम जनता को प्रत्यक्ष राहत मिली। इसके अलावा, वित्त मंत्रालय अप्रैल 2025 में एक्साइज ड्यूटी में पुनः बदलाव किया लेकिन तेल कंपनियों ने खुदरा कीमतों को बढ़ाने से बचा कर उपभोक्ताओं को कोई अतिरिक्त बोझ नहीं होने दिया।

सरकार का यह कदम महंगाई को कम करने और आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने की कोशिशों का हिस्सा है। उद्योग निकायों ने भी पैसे की क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती की मांग की है, ताकि आम जनता और कारोबारों को राहत मिल सके। केंद्रीय मंत्री भी बार-बार इस बात का संकेत देते रहे हैं कि अगर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें कम रहती हैं, तो पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी का पूरा मौका है।

सरकार का यह प्रयास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत तेल का लगभग 85% आयात करता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव से घरेलू कीमतें प्रभावित होती हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर होने पर न केवल आम आदमी की जेब पर राहत मिलती है बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि को भी बल मिलता है।

सरकार की योजना और उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ

पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए भारत सरकार कई पहलों को लागू करती रहती है। इनमें मुख्य रूप से एक्साइज ड्यूटी की मॉनिटरिंग, जोकि केंद्र सरकार द्वारा लगाई जाने वाली कर राशि है, और राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले वैट को संतुलित करना शामिल है। एक्साइज ड्यूटी में कमी करने की सलाह उद्योग निकायों द्वारा भी बार-बार दी जाती है, ताकि ईंधन की कीमतों को काबू में रखा जा सके।

इसके अलावा, सरकार तेल कंपनियों से भी मांग करती है कि वे कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से बचें और बाजार को स्थिर रखें। तेल कंपनियां हर रोज़ पेट्रोल-डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों और रुपये-डॉलर विनिमय दर के हिसाब से तय करती हैं। सरकार इन कंपनियों के संचालन पर नजर रखती है ताकि कीमतें गिरने पर उपभोक्ताओं को फायदा मिल सके।

केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार टैक्स रियायतें दी हैं ताकि पेट्रोल-डीजल के दाम में संतुलन बना रहे और महंगाई पर नियंत्रण किया जा सके। अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दामों में गिरावट और सरकार की टैक्स में कटौती से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा होता है। इससे जीवनचर्या की लागत कम होती है और परिवहन, उत्पादन समेत कई क्षेत्रों में कामकाज सुचारू रहता है।

सरकार का स्थिर और सस्ता ईंधन नीति का एक बड़ा मकसद है देश की अर्थव्यवस्था को स्वस्थ रखना और आम जनता की जीवनशैली में सुधार करना। पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने पर ना केवल परिवहन खर्च घटता है, बल्कि परिवाहित वस्तुओं की कीमतों में भी नियंत्रण रहता है, जिससे अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलती है।

उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत कैसे जानें?

आप रोजाना अपने शहर में पेट्रोल और डीजल के दाम इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल कंपनियों की वेबसाइट या उनके SMS सेवा द्वारा जान सकते हैं। ये कंपनियां हर दिन सुबह 6 बजे ताजा कीमतें अपडेट कर इसे जनता के लिए उपलब्ध कराती हैं। ध्यान रखें कि कीमतें शहर-शहर और दिन-प्रतिदिन अंतर आ सकता है क्योंकि राज्य सरकार के करों में भी बदलाव होते रहते हैं।

इस प्रकार, न केवल अंतरराष्ट्रीय तेल के दामों बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों की टैक्स नीतियों को समझे बिना पेट्रोल-डीजल के दामों के उतार-चढ़ाव को पूरी तरह समझना मुश्किल होता है। लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकार ईंधन के दामों को नियंत्रित करने और आम जनता को सस्ती दरों पर पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है।

निष्कर्ष

पेट्रोल और डीजल के दामों में हाल ही में आई कमी आम जनता के लिए राहत की खबर है। यह कमी अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट के साथ-साथ सरकार द्वारा लागू की गई टैक्स में कटौती के कारण संभव हुई है। सरकार की लगातार निगरानी और उद्योग की मांगों के अनुसार किए जा रहे बदलाव से उपभोक्ताओं को फायदा पहुंच रहा है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की ताजा कीमतों को नियमित चेक करना और समझना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने खर्चों को सही तरह से मैनेज कर सकें।

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