प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) देश के करोड़ों छोटे और सीमांत किसानों के लिए राहत की सबसे बड़ी सरकारी योजना है। इसका मकसद किसानों को हर साल आर्थिक सहयोग देना और खेती से जुड़ी उनकी जरूरतों और घर के खर्च को आसान बनाना है। इस स्कीम के तहत हर पात्र किसान को सालाना ₹6,000 की सीधी आर्थिक मदद दी जाती है, जो तीन किस्तों में सीधे बैंक खाते में पहुंचती है।
अब तक इस योजना के 19 किस्त किसानों को मिल चुकी हैं और अब 20वीं किस्त का किसानों को बेसब्री से इंतजार है। यह अगली किस्त जुलाई 2025 के तीसरे हफ्ते, 18 या 19 जुलाई के आसपास सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा सकती है। सरकार बार-बार साफ कर चुकी है कि समय पर किस्त पाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी होनी चाहिए, वरना फायदा रुक सकता है।
PM Kisan Yojana 2025: Latest Installment Update
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की वह योजना है, जिसके तहत देश के सभी ‘योग्य’ छोटे और सीमांत किसान परिवारों को साल में तीन बराबर क़िस्तों में आर्थिक सहायता दी जाती है। हर चार महीने में ₹2,000 की किस्त किसानों के खाते में सीधे भेजी जाती है, जिससे साल भर में कुल ₹6,000 मिलते हैं। यह रकम किसानों के बैंक खाते में Direct Benefit Transfer (DBT) के तहत ट्रांसफर होती है, जिससे कोई बिचौलिया फायदा उठाने से बच जाता है।
19वीं किस्त 24 फरवरी 2025 को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी की गई थी, जिसमें लगभग 9.8 करोड़ किसानों को करीब 22,000 करोड़ रुपये बांटे गए। अब 20वीं किस्त का पैसा उन किसानों को मिलेगा, जिनकी सभी जानकारी और दस्तावेज अपडेट हैं। सरकार ने 2025 से Farmer Registry भी अनिवार्य कर दी है, यानी अब यह पक्का करना जरूरी है कि आपकी रजिस्ट्रेशन में सबकुछ ठीक हो।
योजना का उद्देश्य और लाभ
- आर्थिक सहयोग: छोटे व सीमांत किसानों की आय बढ़ाना और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करना इसका सबसे बड़ा उद्देश्य है।
- सीधा फंड ट्रांसफर: रकम सीधे बैंक खाते में आने से पारदर्शिता रहती है और भ्रष्टाचार की आशंका नहीं रहती।
- आधुनिकरण: डिजिटल माध्यम से रजिस्ट्रेशन एवं भुगतान होने से खेतीबाड़ी क्षेत्र में तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलता है।
अगली किस्त पाने के लिए करें ये 6 जरूरी काम
PM किसान योजना की 20वीं और इस साल की दूसरी किस्त पाने के लिए ये काम करना बहुत जरूरी है. अगर आपने इनमें लापरवाही की, तो आपके खाते में ₹2,000 की किस्त अटक सकती है।
- e-KYC पूरा करें:
सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिसके पास e-KYC नहीं होगी, उसे किस्त नहीं दी जाएगी। आप ऑनलाइन पोर्टल, मोबाइल ऐप या नजदीकी CSC सेंटर पर जाकर e-KYC पूरी कर सकते हैं – OTP, बायोमेट्रिक या फेस ऑथेंटिकेशन किसी भी प्रकार से। - बैंक अकाउंट आधार से लिंक करें:
आपका बैंक खाता और उसमें दर्ज नाम, IFSC कोड, अकाउंट नंबर सही और आधार से लिंक होना जरूरी है नहीं तो DBT के तहत पैसा बैंक में नहीं पहुंचेगा। - बैंक डिटेल्स अपडेट करें:
अगर अकाउंट डिटेल्स में कोई गड़बड़ी हो (गलत नाम, पुराना IFSC, गलत नंबर), तो बैंक किस्त लौटा सकता है. इसलिए अपनी बैंक जानकारी की दोबारा जांच जरूर करें। - बेनिफिशियरी लिस्ट में नाम पाएँ:
आपका नाम लाभार्थी लिस्ट में है या नहीं, ये जल्दी चेक करें। pmkisan.gov.in वेबसाइट पर अपने राज्य/जिले के मुताबिक लिस्ट चेक कर सकते हैं. अगर नाम नहीं है तो तुरंत सुधार कराएँ। - Farmer Registry की अनिवार्यता:
अब Farmer Registry भी जरूरी है. इसके लिए राज्य के पोर्टल, CSC सेंटर या Farmer Registry मोबाइल ऐप से फार्म भरें एवं डॉक्यूमेंट अपडेट करें। - स्टेटस चेक करें:
किस्त आने के बाद या उससे पहले आप ‘Beneficiary Status’ सेक्शन में जाकर जान सकते हैं कि आपके खाते में किस्त पहुंची या नहीं।
e-KYC कैसे पूरी करें?
- पोर्टल पर e-KYC ऑप्शन चुनें, अपना आधार नंबर डालें, OTP भरें, वेरिफिकेशन करें।
- मोबाइल से नहीं हो रहा है तो स्थानीय CSC सेंटर या कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर फिंगरप्रिंट या अन्य बायोमेट्रिक से ई-केवाईसी पूरी कर सकते हैं।
आवेदन कैसे करें
- आधार कार्ड, लाभार्थी का नाम, भूमि के कागजात, बैंक अकाउंट डिटेल रखें।
- VLE सेंटर या राज्य पोर्टल पर आवेदन करें।
- सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट ऑनलाइन अपलोड करें।
- सेल्फ डिक्लेरेशन स्वीकारें, आवेदन सेव करें और भुगतान करें।
- आधार नंबर से स्टेटस वेरिफाई करें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आज किसानों के लिए एक जरूरी आर्थिक सहारा बन चुकी है। अगर आप समय पर e-KYC, बैंक जानकारी और किसान रजिस्ट्रेशन जैसे जरूरी काम पूरे कर लेते हैं, तो 20वीं किस्त के ₹2,000 पाना आपके लिए आसान है। सरकार की तरफ़ से तय नियमों का पालन करें, सभी दस्तावेज सही रखें, ताकि आर्थिक सहायता समय पर आपके खाते में आ सके और खेती में राहत मिलती रहे।