क्या Google Gemini पढ़ रहा है आपके WhatsApp चैट? अभी बंद करें ये Setting

Published On: July 29, 2025
Stop Gemini Access WhatsApp Chats

आज के डिजिटल दौर में प्राइवेसी की चिंता हर किसी के दिलो-दिमाग में है। खासकर जब बात आपकी निजी चैट्स की हो, तो सवाल उठता है कि क्या आपकी WhatsApp चैट्स भी पूरी तरह सुरक्षित हैं? गूगल के नए AI प्रोजेक्ट Gemini को लेकर ऐसी खबरें आ रही हैं कि यह आपकी WhatsApp चैट्स तक पहुंच सकता है और उन्हें कुछ समय के लिए स्टोर भी करता है। यह जानकर कई यूजर्स चिंतित हो गए हैं कि क्या सच में उनकी निजी बातचीत को गूगल पढ़ रहा है? इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि Google Gemini क्या है, यह आपकी WhatsApp चैट्स को कैसे पढ़ सकता है, किन सेटिंग्स को बंद करने से आप अपनी प्राइवेसी बचा सकते हैं, और सरकार या अन्य पक्षों की ओर से इस मामले में क्या कदम उठाए गए हैं।

Google Gemini क्या है और ये WhatsApp चैट्स तक कैसे पहुंचता है?

Google Gemini एक एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम है जिसे गूगल ने बनाया है। यह AI आपकी स्मार्टफोन की कई ऐप्स के साथ इंटीग्रेट होकर काम करता है, जैसे WhatsApp, फोन, मैसेजेज़, और यूटिलिटीज। Google ने यूजर्स को ईमेल के जरिए सूचना दी है कि 7 जुलाई 2025 से Gemini AI आपके फोन पर इन ऐप्स के डेटा को पढ़ने और समझने के लिए सक्षम होगा। इसका मतलब यह है कि Gemini आपकी WhatsApp चैट्स को पढ़ सकता है और इस डेटा को आपकी Google अकाउंट में 72 घंटे तक सहेज कर रखता है।

इस सुविधा का मकसद यूजर की सहूलियत को बढ़ाना है, जैसे कि वॉयस कमांड के जरिए मैसेज भेजना या चैट का रिस्पॉन्स देना। लेकिन इसके बावजूद, यह बात चिंता का विषय बनी हुई है क्योंकि यूजर की मर्जी के बावजूद, चाहे Gemini Apps Activity सेटिंग बंद हो या चालू, आपका डाटा Google के पास अस्थायी रूप से स्टोर हो रहा है। इसीलिए कई लोगों ने इसे अपनी प्राइवेसी के लिए खतरा माना है।

WhatsApp चैट्स पर Google Gemini का असली प्रभाव

WhatsApp अपने यूजर्स की प्राइवेसी के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का दावा करता है, जिससे आपकी चैट्स केवल आपको और चैट के दूसरे पक्ष को ही दिखाई देती हैं। लेकिन Google Gemini अपडेट के बाद यह बिलकुल स्पष्ट हो गया है कि यह एआई सिस्टम WhatsApp ऐप की गतिविधियों को पढ़ने और इंटरैक्ट करने में सक्षम है।

इस अपडेट के जरिए Gemini आपके WhatsApp मैसेजों को पढ़ सकता है, आपकी ओर से ऑटोमेटेड रिप्लाई भेज सकता है और आपकी चैट्स को कुछ समय के लिए Google के सर्वर पर रख सकता है। इसका मतलब यह है कि आपकी व्हाट्सअप चैट्स पर अब गूगल की नजर है, जो कई लोगों के लिए निजता और सुरक्षा संबंधी गंभीर सवाल खड़े करता है।

गूगल का कहना है कि यह बदलाव यूजर्स को बेहतर सर्विस देने के लिए किया गया है, जैसे कि AI की मदद से चैट्स को ऑप्टिमाइज़ करना, लेकिन इससे यूजर की निजता पर सवाल उठना लाजिमी है। कई यूजर्स इस नई पॉलिसी को अपनी निजता का उल्लंघन मान रहे हैं।

अपनी प्राइवेसी कैसे बचाएं: Gemini Apps Activity सेटिंग बंद करें

आप अपनी WhatsApp चैट्स को Google Gemini के पढ़ने से बचाने के लिए सबसे जरूरी काम कर सकते हैं, वह है Gemini Apps Activity को बंद करना। यह सेटिंग आपके फोन के Gemini ऐप में होती है।

Gemini Apps Activity बंद करने के बाद Google आपकी WhatsApp चैट्स को आपकी सहमति के बिना स्टोर या पढ़ नहीं पाएगा। हालांकि, यह भी ध्यान देना जरूरी है कि Google Gemini के तहत कुछ डाटा Google अकाउंट पर 72 घंटे तक स्टोर रह सकता है, चाहे यह सेटिंग बंद हो या न हो, जिससे पूरी तरह निजता की गारंटी नहीं मिल पाती है।

इसलिए, उन यूजर्स के लिए जो अपनी निजी जानकारी को लेकर संवेदनशील हैं, Gemini Apps Activity को बंद करना फिलहाल सबसे प्रभावी तरीका है। इसके लिए अपने एंड्रॉइड फोन में Gemini ऐप खोलें, वहां जाकर Settings में जाएं और Gemini Apps Activity को डिसेबल करें।

सरकार या अन्य पक्षों की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं?

इस विषय पर भारत सरकार या किसी अन्य सरकारी संस्था की ओर से अभी तक कोई खास घोषणा नहीं आई है। ऐसा लगता है कि अभी यह मामला तकनीकी और निजता की दुनिया में चर्चा का विषय बन रहा है।

भारत में डेटा प्राइवेसी को लेकर पहले से कई नियम कानून और दिशानिर्देश हैं, जैसे कि Information Technology Act और Personal Data Protection Bill, जो उपयोगकर्ता की निजता की सुरक्षा का दावा करते हैं। लेकिन अभी Google Gemini के इस नए फीचर के संदर्भ में कोई स्पष्ट सरकारी नियंत्रण या रोकथाम के निर्देश स्पष्ट नहीं हैं।

तकनीकी विशेषज्ञों और सुरक्षा सलाहकारों का कहना है कि यूजर्स को अपने डेटा की सुरक्षा के लिए खुद सक्रिय रहना होगा और फोन व ऐप्स की प्राइवेसी सेटिंग्स पर नजर रखनी होगी। भविष्य में सरकार या नियामक एजेंसियां इस मुद्दे पर पैनी नजर रख सकती हैं और आवश्यक कदम उठा सकती हैं।

Google Gemini और WhatsApp चैट डेटा: सच में कितना खतरा?

Google Gemini की यह सुविधा सुविधा-संपन्न तो हो सकती है, लेकिन यह अपनी जगह सावधानी और चिंता की वजह भी है। आपकी WhatsApp चैट्स पढ़े जाने का खतरा आपकी निजता को चुनौती देता है, खासकर उन यूजर्स के लिए जो बेहद संवेदनशील या व्यक्तिगत जानकारी शेयर करते हैं।

हालांकि Google यह दावा करता है कि यह सब आपकी बेहतर यूजर एक्सपीरियंस के लिए किया जा रहा है और आपका डाटा पूरी तरह सुरक्षित रखा जाता है, लेकिन 72 घंटे तक डेटा स्टोर करने की बात कई सवाल उठाती है। वहीं, यदि Gemini Apps Activity बंद भी कर दी जाए, तब भी कुछ डेटा अस्थायी रूप से स्टोर हो सकता है, जिससे पूर्ण नियंत्रण संभव नहीं होता।

इसलिए सबसे अच्छा उपाय यही है कि यूजर्स अपने फोन की प्राइवेसी सेटिंग्स को जांचते रहें और गूगल तथा WhatsApp की नई अपडेट्स के बारे में जागरूक रहें। समय-समय पर सेटिंग्स चेक करते रहना और उपयोग में आने वाले ऐप्स पर नजर रखना आवश्यक है।

अंत में, Google Gemini की यह नई सुविधा आपकी WhatsApp चैट्स को पढ़ने की क्षमता रखती है, जिससे प्राइवेसी जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं। अपनी निजता बचाने के लिए Gemini Apps Activity बंद करना जरूरी है। साथ ही, यूजर्स को अपने डेटा की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए और अपडेट्स को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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